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पुष्कर गुज॔रगोङ ब्राह्मण समाज के आराध्य न्याय शास्त्र के प्रणेता महर्षि गौतम की पावन पवित्र तपस्थली रही है। गुज॔रगोङ ब्राह्मण समाज के लोगों के ह्रदय में इसी भावना के कारण आज से एक सौ बीस वर्ष पूर्व यह विचार आया कि पुष्कर की दिव्य भूमि पर गौतमाश्रम की स्थापना की जाय। पुष्कर में गौतमाश्रम बने इस भाव का स्फुटन अजमेर जिले के भांवता निवासी श्रीयुत् पण्डित धन्नालाल जी चौबे, रुपनगढ़ के श्रीयुत् पण्डित रामनायण जी सहित अजमेर जिले के महापुरुषों में हुआ। पुष्कर गौतमाश्रम के लिए 5 फरवरी 1902 ई को भूखण्ड़ क्रय करके आश्रम की स्थापना का श्रीगणेश हुआ। प्रारम्भ में आधा एकड़ भूमि खरीदी गई। इक्कीस व्यक्तियों की कार्यकारिणी समिति बना कर आश्रम का निर्माण आरम्भ किया गया। आर्थिक सहयोग के लिए सम्पूर्ण भारत वर्ष के स्वजातीय बन्धुओं को आह्वान किया गया ।शुरूआती दौर में में छः कमरों व महर्षि गौतम व अहल्या मन्दिर का निर्माण किया गया । महर्षि गौतम के मन्दिर के पुजा अर्चना का गुरुभार गोवर्धन जी सिंवाल को दिया गया ।पुष्कर गौतमाश्रम का विकास कुछ कारणों से कुछ समय के लिए थम गया। यह सत्य है कि हर कार्य के लिए परमात्मा ने व्यक्ति व समय निश्चित कर रखा हैं। उसी के अनुरूप कार्य सम्पन्न होता हैं। यह बात गौतमाश्रम पुष्कर पर चरित्रात होती है।
कार्तिक शुक्ला प्रतिपदा विक्रम संवत 2002 तदनुसार दिनांक 5 नवम्बर 1945 को अजमेर निवासी जगन्नाथ जी उपाध्याय ने गौतमाश्रम पुष्कर के जीर्णोद्धार व विकास करने का गुरुत्तर भार का बीड़ा उठाया। उन्होंने धन संचय प्रारम्भ कर आश्रम के विकास को गति प्रदान की। श्री जगन्नाथ जी उपाध्याय के आह्वान पर सम्पूर्ण भारत वर्ष से दान दक्षिणा, भेंट, चन्दा स्वजाती बन्धु गौतम के श्री चरणों में अर्पित करने लगे। जिससे आश्रम की साकार अभिव्यक्ति होने लगी। गौतमाश्रम पुष्कर के सुचारू रूप से संचालन के लिए 25 मार्च 1956 ई को श्री शिवकरण जी सिंवाल ,श्री पुसाराम जी उपाध्याय, श्री जगन्नाथ जी उपाध्याय के मार्गदर्शन में ट्रस्ट का गठन किया गया। ट्रस्ट में 31 स्वजातीय बन्धुओं को ट्रस्टी बनाया गया। जो ट्रस्ट के प्रति पूर्ण रुप से समर्पित थे । ट्रस्ट का पंजीयन अजमेर के देवस्थान विभाग में जून 1975 ई में करवाया गया। ट्रस्ट के अध्यक्षों का कार्यकाल इस प्रकार से रहा।
सन 1956 ई में बनी ट्रस्ट के ट्रस्टी सर्व श्री पण्डित श्री जगन्नाथ जी उपाध्याय, श्री पण्डित पूसालाल जी उपाध्याय, श्री गंगाधर जी मुंशी, श्री अमरचन्द जी व्यास, श्री कैलाश नारायण जी तिवाड़ी, श्री गंगा विशन जी जोशी, श्री चान्दमल जी जोशी, श्री गणेशीलाल जी त्रिपाठी, पण्डित श्रीधर जी चौबे, श्री भंवरलाल जी उपाध्याय, पण्डित श्री लादुराम जी तिवारी, पण्डित श्री कुमणमल जी उपाध्याय, पण्डित श्री भंवरलाल जी तिवाड़ी, श्री रामदयाल जी तिवाड़ी, पण्डित श्री आशाराम जी तिवाड़ी, पण्डित श्री हीरालाल जी जोशी, पण्डित श्री रामलाल जी जोशी, पण्डित श्री वृध्दिशंकर जी वकील, पण्डित श्री चन्द्रशेखर जी श्रोत्रिय, पण्डित श्री दयाशंकर जी शास्त्री, पण्डित श्रीधर जी शास्त्री, पण्डित श्री विजयशंकर जी वैद्य, पण्डित श्री रामकुमार जी शर्मा, पण्डित श्री गोस्वामी नवादित्यलाल जी, श्री चतुर्भुज जी त्रिपाठी, पण्डित श्री उत्सवलाल जी तिवारी, पण्डित श्री हरिशंकर जी व्यास, पण्डित श्री शिवकरण जी सिंवाल, पण्डित श्री गणेशीलाल जी पंचारिया, पण्डित श्री मांगीलाल जी जोशी, पण्डित श्री शिवराम जी त्रिपाठी थे ।
श्री पुष्कर गौतमाश्रम के निर्माण के लिए अपना अमूल्य समय व द्रव्य देना प्रारंभ किया जिसके कारण आश्रम दिव्य व भव्य रुप लेने लगा। आश्रम के लिए अतिरिक्त भूमि क्रय की गई। पुष्कर गौतमाश्रम के प्रत्येक अध्यक्ष के कार्यकाल में नवीन कार्य हुए । पुष्कर गौतमाश्रम के नव निर्वाचित होने वाले प्रत्येक अध्यक्ष अधिक से अधिक निर्माण कार्य करने के लिए कृतसंकल्पित होता। समय के साथ पुष्कर गौतमाश्रम सौ वर्ष की आयु को प्राप्त हुआ। कार्यकारिणी की बैठक 20-10-2002 को पुष्कर गौतमाश्रम में हुई। जिसमें संविधान संशोधन करते हुए 31 ट्रस्टीयों के स्थान पर 71 ट्रस्टीयों का प्रावधान किया गया। जिसका मूल कारण पुष्कर गौतमाश्रम के विकास को तीव्र गति प्रदान करना है। दिनांक 17-18 नवम्बर 2002 को पुष्कर गौतमाश्रम का शताब्दी समारोह मनाया गया। समारोह के अवसर पर एक स्मारिका का विमोचन किया। जिसमें पुष्कर गौतमाश्रम के विकास की गौरव गाथा को पिरोया। शताब्दी समारोह में प्रारम्भ से लेकर सौ वर्ष तक जिन-जिन महानुभावों ने पुष्कर गौतमाश्रम के विकास में आहुति दी उनका स्मरण किया तथा उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट की गई। पुष्कर गौतमाश्रम द्वारा अनेक सामाजिक कार्य किये जाते हैं। जैसे व्यक्तित्व निर्माण, यज्ञोपवीत संस्कार, कर्मकांड, देव भाषा संस्कृत का ज्ञान, विधार्थीयों के लिए आवास व निशुल्क भोजन की व्यवस्था सहित अनेक कार्यक्रम हैं। पुष्कर गौतमाश्रम द्वारा अन्नक्षेत्र भी चलाया जा रहा है। दान दाताओं द्वारा प्रदान की गई दस हजार रुपये की राशि अक्षय कोष में जमा कर दी जाती है। उसके ब्याज की राशि से विधार्थीयों को निशुल्क भोजन दिया जाता है। पुष्कर गौतमाश्रम के 110 पुर्ण होने पर एक स्मारिका “श्री पुष्कर गौतमाश्रम गौरव ” का प्रकाशन किया गया। श्री पुष्कर गौतमाश्रम ट्रस्ट समिति के विधान की धारा 2 में संशोधन करते हुए दिनांक 07-03-2021 को 40 नये ट्रस्टी बनाने का निर्णय लिया। जिसे सम्पन्न करते हुए वर्तमान में 71 से 111ट्रस्टी हो गये।
पुष्कर गौतमाश्रम ट्रस्ट समिति द्वारा त्रैमासिक मुखपत्र “श्री पुष्कर गौतमाश्रम सम्वाद ” पत्रिका का प्रकाशन किया जाता है। जिसमें आश्रम के तीन माह सम्पूर्ण कार्यकलाप सहित नवीन योजनाओं की जानकारी एवं समाज के विद्वानों, लेखकों के आलेख रहते हैं। 2000 पत्रिकाएं समाज को निशुल्क प्रषित की जाती हैं।
वर्तमान में मोहन राज उपाध्याय अध्यक्ष पद को सुशोभित कर रहे है। आपकी देख-रेख में श्री पुष्कर गौतमाश्रम नये कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। कौरोना जैसी विकट परिस्थितियों में भी आश्रम निरन्तर प्रगति करता रहा। आज पुष्कर गौतमाश्रम अति आधुनिक सुविधाओं युक्त अपनी भव्यता व दिव्यता की गौरव गाथा का बखान कर रहा है। जिसका सम्पूर्ण गुज॔रगोङ ब्राह्मण समाज गौरव अनुभव कर रहा हैं।
(1) पण्डित श्री शिवकरण जी सिंवाल(सोलापुर) दिनांक 17-11-1956 से 13-11-1970 तक
(2) श्री पण्डित श्री जगन्नाथ जी उपाध्याय (अजमेर) दिनांक 14-11-1970 से 29-11-1974 तक
(3) श्री गंगाविशन जी जोशी (ब्यावर) दिनांक 30-11-1974 से 24-02-1991 तक
(4) कार्यवाहक अध्यक्ष वैद्य श्री विजयशंकर जी शास्त्री (जयपुर) दिनांक 25-02-1991से 10-11-1991 तक
(5) श्री मदनलाल जी शर्मा (कोटा) दिनांक 11-11-1991 से 14-12-2000 तक
(6) श्री गौपाल कृष्ण गुरुजी (बिजोलिया) दिनांक 15-12-2000 से 06-06-2004 तक
(7) श्री रामस्वरुप जी पंचारिया (बरनेल) दिनांक 07-06-2004 से 25-05-2010 तक
(8) श्री विजय लुणकरण उपाध्याय (सोलापुर) दिनांक 23-05-2010 से 11-06-2016 तक
(9) श्री मोहन राज उपाध्याय (लाम्पोलाई, नागौर) दिनांक 11-06-2016 से 14-01-2023 तक
(10) श्री सीताराम जोशी (पाली) दिनांक 15-01-2023 से वर्तमान में ।